विश्वविद्यालय के संसाधन एवं आय
विश्वविद्यालय के स्थापना व्यय हेतु राय शासन लगभग 13।5 करोड़ रुपए का वार्षिक खंड संधारण अनुदान देता है। विभिन्न शुल्कों एवं पाठयक्रमों के संचालन से विश्वविद्यालय को करीब 14।1 करोड़ रुपए की आय होती है। शोध परियोजनाओं के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से भी अनुदान मिलता है।
कार्मिक शक्ति: शिक्षण विभागों में राय शासन द्वारा स्वीकृत लगभग 325 शैक्षणिक पद हैं। इनमें 50 प्रोफेसर, 93 रीडर और 177 व्याख्याता हैं। प्रशासनिक एवं शैक्षणिक कार्यों हेतु 46 अधिकारी एवं 1245 अशैक्षणिक कर्मचारी नियुक्त हैं। विश्वविद्यालय के 55 परीक्षा केंद्रों में लगभग 75 हजार परीक्षार्थी हर वर्ष विश्वविद्यालय की परीक्षाओं में सम्मिलित होते हैं। विश्वविद्यालय के रेमेडियल कोचिंग सेंटर में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के छात्रों के प्रशिक्षण की व्यवस्था है।
डॉ हरीसिंह गौर इस विश्वविद्यालय को कैंब्रिज और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालयों जैसा दर्जा दिलाना चाहते थे। लेकिन अब तक उनका सपना अधूरा ही है। इस विश्वविद्यालय को अब केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए आम जनता और राजनीतिक दलों ने लंबा संघर्ष किया, जिसके बाद हाल ही में केंद्र सरकार ने इसे केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने की घोषणा कर दी थी।
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